वो आती सुहाने खयालों की तरह
जवाबों में लिपटे सवालों की तरह
नजदीक जाने की वजह ढूंढ़ता हूं
मै नजरें मिलाने की जिरह ढूंढ़ता हूं
खिलखिलाहट में उसकी रम सा गया था
हंसी देख उसकी, सब थम सा गया था
वो ज़ुल्फो में छुपती करिश्माई आंखें
करे वो शरारत बस नजरें झुका के
पायल की छम छम से दिल जीत लेना
वो बातें मनाने को मुंह भींच लेना
घर जाते ही उसका मेरे पास आना
उसके लिपटते ही गम भूल जाना
वो जीवन में आयी है बारिश की भांति
वो ही मेरे जीवन में खुशियों की सांची
वो ही मेरे जीवन की अनुपम सी रेखा
हम सबको प्यारी हो तुम मेरी एका ।।।।
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